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रायपुर में बढ़ती चाकूबाजी AK47 बंदूक की गोली मिलना  पुलिस की नाकामी

रायपुर में बढ़ती चाकूबाजी AK47 बंदूक की गोली मिलना  पुलिस की नाकामी:

 

रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी, इन दिनों लगातार चाकूबाजी की घटनाओं से दहशत में है। हर दिन किसी न किसी इलाके से खबरें आ रही हैं कि अपराधियों द्वारा चाकू का इस्तेमाल कर लोगों को डराया या घायल किया जा रहा है। अब तो हालात इतने बदतर हो गए हैं कि बच्चों तक की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हाल ही में एक घटना ने शहरवासियों को झकझोर दिया, जब तलाब के पास से बच्चों के खेलते समय एक  AK-47 की गोलियां मिलीं। इस घटना ने पुलिस की लापरवाही को भी उजागर किया है, क्योंकि इतने खतरनाक हथियारों की मौजूदगी पर लगाम लगाने में वह पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।

 

 

जिस तरह से तालाब के पास बच्चों को AK-47 की गोलियां मिलीं, उससे यह साफ हो गया है कि राजधानी में न केवल बड़े बल्कि छोटे बच्चों तक की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। माता-पिता अब अपने बच्चों को बाहर भेजने से डरने लगे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चों और खेल के मैदानों पर होने वाली गतिविधियों में सुरक्षा की कमी साफ नजर आ रही है। यह स्थिति बताती है कि रायपुर जैसे शहर में अपराधी कितने बेखौफ हो गए हैं और पुलिस की कार्रवाई कितनी ढीली है।

रायपुर पुलिस इन घटनाओं पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। पिछले कुछ महीनों से लगातार चाकूबाजी, हथियारों की बरामदगी, और अपराधियों की गतिविधियों की खबरें आ रही हैं, लेकिन पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं। अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के बजाय पुलिस महज खानापूर्ति करती नजर आ रही है। इस हालात में, आम जनता पुलिस पर भरोसा करने के बजाय खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।

पुलिस की इस लापरवाही ने राजधानी रायपुर में कानून व्यवस्था को कमजोर कर दिया है। अपराधी बेखौफ होकर खुलेआम घूम रहे हैं, और पुलिस उन पर कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रही है। बच्चों के हाथों में AK-47 की गोलियां मिलना इस बात का सबूत है कि पुलिस की चौकसी में कितनी बड़ी चूक हो रही है। रायपुर जैसे शहर में, जहां हर दिन सैकड़ों लोग तालाब, पार्क, और बाजारों में घूमते हैं, वहां ऐसी घटनाएं पुलिस की नाकामी का प्रतीक हैं।

शहर की जनता में पुलिस के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस क्यों इन अपराधियों को पकड़ने और हथियारों की तस्करी को रोकने में असफल हो रही है। लोगों का मानना है कि अगर पुलिस समय रहते सही कदम उठाती, तो शायद आज बच्चों की सुरक्षा पर इतना बड़ा संकट न होता।

रायपुर में बढ़ते अपराध और पुलिस की नाकामी ने राजधानी को असुरक्षित बना दिया है। जब तक पुलिस गंभीरता से इन मामलों को नहीं लेगी और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करेगी, तब तक जनता का भरोसा पुलिस पर नहीं लौटेगा। राजधानी की जनता अब पुलिस से सवाल कर रही है – आखिर कब तक यह हालात बने रहेंगे? और कब पुलिस अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए गंभीर कदम उठाएगी?

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